
Vishwakarma Shram Samman Yojana
भारत में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और कारीगरों, शिल्पकारों, दस्तकारों तथा छोटे कामगारों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न योजनाएं चला रही हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक बेहद प्रभावशाली योजना है “Vishwakarma Shram Samman Yojana”, जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही है। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो पारंपरिक रूप से छोटे व्यवसाय या कारीगरी जैसे—बढ़ई, लोहार, दर्जी, नाई, मिस्त्री, कुम्हार, मोची आदि—के पेशों से जुड़े हुए हैं। इस योजना का उद्देश्य न सिर्फ उनके हुनर को पहचान देना है, बल्कि उन्हें वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और उन्नत औज़ार उपलब्ध कराना भी है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि Vishwakarma Shram Samman Yojana क्या है, इसके क्या उद्देश्य हैं, इसके अंतर्गत किन लाभों की पेशकश की जाती है, कौन पात्र है, आवेदन प्रक्रिया क्या है, किन दस्तावेजों की जरूरत होती है, और इस योजना का देश और समाज पर क्या प्रभाव पड़ रहा है। यदि आप या आपका कोई परिचित परंपरागत कामों से जुड़ा है, तो यह लेख आपके लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो सकता है।
बिंदु | विवरण |
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योजना का नाम | Vishwakarma Shram Samman Yojana |
शुरुआत | उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा |
लक्ष्य | परंपरागत कारीगरों, शिल्पकारों को आर्थिक व तकनीकी सहायता प्रदान करना |
लाभार्थी | बढ़ई, दर्जी, लोहार, नाई, मोची, कुम्हार, सुनार, राजमिस्त्री आदि |
मुख्य लाभ | – फ्री प्रशिक्षण 10 से 15 दिन का – फ्री टूलकिट – ₹10,000 से ₹1 लाख तक की आर्थिक सहायता |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन आवेदन www.diupmsme.upsdc.gov.in |
प्रशिक्षण स्थान | सरकारी आईटीआई व अन्य मान्यता प्राप्त संस्थान |
पात्रता | – उत्तर प्रदेश का निवासी – 18 वर्ष से ऊपर – परंपरागत व्यवसाय से जुड़ा व्यक्ति |
डॉक्युमेंट्स | आधार कार्ड, बैंक पासबुक, फोटो, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण आदि |
लाभ हस्तांतरण | DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे बैंक खाते में |
लक्षित वर्ग | आर्थिक रूप से कमजोर, महिला, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग |
योजना का उद्देश्य | आत्मनिर्भरता बढ़ाना, पारंपरिक कार्यों को प्रोत्साहन देना, रोजगार सृजन |
Vishwakarma Shram Samman Yojana क्या है? – योजना की मूल पहचान
Vishwakarma Shram Samman Yojana उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक विशेष योजना है, जिसका उद्देश्य परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहयोग और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करना है ताकि वे अपने व्यवसाय को बेहतर ढंग से चला सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। इस योजना का नाम भगवान विश्वकर्मा के नाम पर रखा गया है, जिन्हें हिंदू धर्म में देवताओं के वास्तुकार और महान शिल्पी के रूप में जाना जाता है। योजना विशेष रूप से उन वर्गों को लक्षित करती है जो पारंपरिक हस्तशिल्प, कुटीर उद्योग या स्वयं की सेवाओं से जुड़े व्यवसाय करते हैं।
इस योजना के तहत लाभार्थियों को सरकार द्वारा मुफ्त प्रशिक्षण, आवश्यक टूलकिट, और वित्तीय सहायता के रूप में 10,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक की धनराशि प्रदान की जाती है, जिससे वे अपने कार्य में उन्नति कर सकें।
योजना का उद्देश्य – आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
Vishwakarma Shram Samman Yojana के पीछे मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- परंपरागत कारीगरों को आर्थिक सहायता और आधुनिक उपकरण प्रदान करना।
- शिल्पियों और कारीगरों को तकनीकी प्रशिक्षण देकर उन्हें अपने व्यवसाय में दक्ष बनाना।
- स्वरोज़गार को बढ़ावा देना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करना।
- गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों को आत्मनिर्भर बनाना।
- स्थानीय स्तर पर उत्पादकता और रोजगार सृजन को बढ़ाना।
इस योजना के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश की पारंपरिक हस्तकला और शिल्प संस्कृति को संरक्षण भी मिले और वर्तमान समय की आवश्यकताओं के अनुसार उन्हें आधुनिक संसाधनों से जोड़ा जाए।
किन लोगों को मिलेगा लाभ – पात्रता की पूरी जानकारी
Vishwakarma Shram Samman Yojana का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी को कुछ बुनियादी पात्रता मानकों को पूरा करना होगा। ये मानक निम्नलिखित हैं:
- आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- आवेदक किसी परंपरागत कार्य या हस्तशिल्प जैसे—बढ़ई, दर्जी, लोहार, मोची, कुम्हार, सुनार, राजमिस्त्री आदि से जुड़ा होना चाहिए।
- आवेदक किसी अन्य सरकारी योजना या सेवा में लाभार्थी नहीं होना चाहिए।
- महिला, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों को प्राथमिकता दी जाती है।
योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ – सुविधाओं की विस्तृत सूची
Vishwakarma Shram Samman Yojana के अंतर्गत सरकार द्वारा अनेक लाभ प्रदान किए जाते हैं, जिनमें कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:
✔ मुफ्त प्रशिक्षण कार्यक्रम
राज्य सरकार द्वारा 10 दिन से लेकर 15 दिन तक का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें आधुनिक तकनीकों, नए उपकरणों के प्रयोग और व्यवसाय के प्रबंधन से जुड़ी जानकारियां सिखाई जाती हैं। यह प्रशिक्षण औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) या अन्य मान्यता प्राप्त संस्थानों में दिया जाता है।
✔ टूल किट (औजारों की किट) का वितरण
प्रशिक्षण के पश्चात सभी लाभार्थियों को आवश्यक उपकरणों का एक टूलकिट निशुल्क प्रदान किया जाता है जिससे वे अपने कार्य में दक्षता प्राप्त कर सकें।
✔ वित्तीय सहायता
योजना के अंतर्गत सरकार 10,000 रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक की धनराशि तक की आर्थिक सहायता सीधे DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में भेजती है।
✔ स्वरोज़गार को बढ़ावा
इस योजना के माध्यम से कारीगरों और शिल्पकारों को न सिर्फ संसाधन दिए जाते हैं बल्कि उन्हें अपने व्यवसाय को स्थापित करने में मार्गदर्शन और समर्थन भी दिया जाता है।
आवेदन कैसे करें – स्टेप बाय स्टेप प्रक्रिया
यदि आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए आवेदन प्रक्रिया के चरणों का पालन करें:
Step 1: आधिकारिक पोर्टल पर जाएं
योजना के लिए आवेदन करने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार के UDYAMSAKHI या MSME पोर्टल (www.diupmsme.upsdc.gov.in) पर जाएं।
Step 2: रजिस्ट्रेशन करें
नई रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के अंतर्गत आपको अपने नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, आधार नंबर आदि विवरण भरने होंगे।
Step 3: लॉगिन करें और आवेदन पत्र भरें
रजिस्ट्रेशन के बाद लॉगिन करें और Vishwakarma Shram Samman Yojana का फॉर्म भरें, जिसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी, व्यवसाय का प्रकार, जाति प्रमाण पत्र, बैंक डिटेल्स आदि भरनी होगी।
Step 4: आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें
फॉर्म के साथ आपको निम्नलिखित दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे:
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- बैंक पासबुक की कॉपी
- व्यवसाय प्रमाण या स्व-घोषणा पत्र
Step 5: आवेदन सबमिट करें
सभी जानकारी सही भरने के बाद फॉर्म को सबमिट करें और उसकी पावती (acknowledgement) प्रिंट कर लें।
योजना से जुड़े कुछ जरूरी तथ्य और आंकड़े
- योजना के तहत हर साल हजारों लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया जाता है।
- योजना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 5 लाख से अधिक लोगों को आर्थिक सहायता और टूलकिट प्रदान की जा चुकी है।
- प्रशिक्षण के बाद लगभग 60% लाभार्थी अपने स्वरोज़गार को शुरू करने में सफल रहे हैं।
योजना के लाभ – समाज और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
Vishwakarma Shram Samman Yojana ने उत्तर प्रदेश में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कारीगरों की स्थिति को काफी हद तक सुधारा है। इस योजना के माध्यम से:
- गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की आय में वृद्धि हुई है।
- हस्तशिल्प और पारंपरिक शिल्पकारिता को नया जीवन मिला है जिससे सांस्कृतिक विरासत सुरक्षित हो रही है।
- स्थानीय स्तर पर उत्पादकता और रोजगार में बढ़ोतरी हुई है।
- महिलाओं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिली है।
निष्कर्ष – एक सशक्त कदम आत्मनिर्भर भारत की ओर
Vishwakarma Shram Samman Yojana न सिर्फ एक योजना है, बल्कि यह सरकार का वह प्रयास है जिसके माध्यम से लाखों छोटे कारीगरों, हस्तशिल्पियों और पारंपरिक पेशों से जुड़े लोगों को पहचान और सम्मान मिल रहा है। यह योजना उन्हें न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि उन्हें आधुनिक युग के अनुरूप तैयार कर रही है ताकि वे प्रतियोगिता में टिक सकें।